उपस्कर संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. हिसा कंरना । चोट पहुँचाना । २. दाल या तरकारी में ड़ालने का मसाला । ३. घर का सामान या सजावट की सामग्री । ४. वस्त्राभूशणादि । ४. जीवननिर्वाह के लिये आवश्य़क पदार्थ । रसद या सामान (को॰) ।