उपस्थिता

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उपस्थिता संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक वर्णापृत्त का नाम । ईम बृत्त के प्रत्येक चरण णें एक तगण, जे जगण ओर अंत में एक गृरु होता है । त, ज, ज, ग = ऽऽ।, ।ऽ।, ।ऽ।, ऽ। उ॰—तीजी जग पावन कंस को । दै मुक्ति पठावत धाम को । बाकी लखि रानि उपस्यिता । दै जान करी सुख साजिताष—छंद॰ पृ, १४१ ।