उबाना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उबाना ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ उबहना=नंगा अथवा उ=नहीं+बाना] वह जो कपड़ा बुनने में राछ के बाहर रह जाता है । उ॰— पाई करि कै भरना लीन्हों वे बाँधे को रामा । वे ये भरि तिहुँ लोकहिं बाँधै कोई न रहे उबाना ।—कबीर (शब्द॰) ।

उबाना ^२ वि॰ बिना जूते का । नंगे पैर । उ॰—मो हित मोहन जेठ की धूप में आए उबाने परे पग छाले ।—बेनी (शब्द॰) ।

उबाना ^३ क्रि॰ स॰ [हिं॰ ऊबना]

१. तंग करना । नाकों दम कर देना ।

२. उबाने का कारण होना या बनना ।