उमड़ना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उमड़ना क्रि॰ अ॰ [हिं॰ उमंडना]

१. पानी या और किसी द्रव वस्तु का अधिकता या बाहुल्य के कारण ऊपर उठना । भरकर ऊपर आना । उतराकर बह चलना । जैसे—बरसात में नदी नाले उमड़ते हैं । उ॰—नदियाँ नद लौं उमड़ी लतिका तरु डारन पै गुरवान लगीं ।—सेवक (शब्द॰) ।

२. उठकर फैलना । छाना । घेरना । जैसे—बादल उमड़ना, सेना उमड़ना । उ॰—(क) घनघोर घटा उमड़ी चहुँ ओर सों मेह कहै न रहौं बरसौं ।—कोई कवि (शब्द॰) । (ख) अनी बड़ी उमड़ी लखैं असि बाहक भट भूप ।—बिहारी (शब्द॰) । यौ॰—उमड़ना घुमड़ना = घूम घूमकर फौलना वा छाना । उ॰— उमड़ि घुमड़ि घन बरसन लागे, इत्यादि ।—(शब्द॰) ।

३. किसी आवेश में भरना । जोश में आना । क्षुब्ध होना । जैसे—इतनी बातें सुनकर उसका जी उमड़ आया । संयो॰ क्रि॰—आना ।—चलना ।—जाना ।—पड़ना ।