ऊँचि पु † वि॰ [ हिं॰ ] दे॰ 'ऊँचा' में । उ॰— इहाँ ऊँचि पदवी हुती गोपीनाथ कहाय । अब जदुकुल पावन भयो, दासी जूठन खाय ।—नंद ग्रं॰, पृ॰ १८३ ।