ऊखिल

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ऊखिल पु † वि॰ [देश॰] पराया । अपरिचित । उ॰—रूपनिधान सुजान लखें बिन आँखिन दीठि हि दई है ऊखिल ज्यौं खरकै पुतरीन मैं, सूल की मूल सलाक भई है ।— घनानंद॰, पृ॰ ५ ।