ऊगना पु क्रि॰ अ॰ [सं॰ उद्+ √गम्; हिं॰ उगना] दे॰ 'उगना' । उ॰—(क) भरत बीज सब भूनिया, ऊग न सक्के फेर ।—दरिया॰ बानी॰, पृ॰ ३ । (ख॰ ना जानौं क्या होयगा ऊगे से परभात । —कबीर॰ सा॰ सं॰, पृ॰ ३ ।