ऊचाला संज्ञा पुं॰ [सं॰ उच्चलन, प्रा॰ उच्चालो] १. स्थानांतर गमन । २. अकाल पड़ने पर मरुस्थल की जातियों द्वारा पशुओं के साथ किसी साधनसंपन्न स्थान में जाकर बसना । उ॰— पिंगल उचालऊ कियउ नल नखर चइदेस । ढोला॰, दू॰ २ ।