ऊठत पु क्रि॰ वि॰ [हिं॰ उठना] उठते हुए । उ॰—बैठत राम हिं ऊठत रामहि, बोलत रामहि राम रह्यो हैं ।—सुंदर॰ ग्रं॰, पृ॰ ५०२ ।