ऊतर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ऊतर ^१पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ उत्तर] दे॰ 'उत्तर' । उ॰—बहू दूबरी होत क्यों यौं जब बूझो सास । ऊतर कढ़यो न बालमुख ऊँचे लेत उसास । —नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ २९६ ।

ऊतर ^२पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ ऊत्तर] बहाना । मिस । उ॰—ऊतर कौन हू कै पदमाकर दै फिरै कुंजगलीन में फेरी ।—पद्माकर (शब्द॰) ।