ऊपजना पु क्रि॰ अ॰ [हिं॰ उपजना] दे॰ 'उपजना' । उ॰—शब्द गहा सुख ऊपजा, गया अँदेशा मोर ।—दरिया॰ बानी॰, पृ॰ ३ ।