ऊभचूभ ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ ऊभ+चूभ] १. डूबना उतराना । २. आशा निराशा के मध्य की स्थिति । क्रि॰ प्र॰ होना=उ॰—व्यास महा कच्छप सी धरणी, ऊभचूभ थी विकलित सी ।—कामायनी, पृ॰ १५ ।
ऊभचूभ ^१ क्रि॰ वि॰ पूर्ण रूप से या सराबोर (जल) ।