ऊर्द्ध्वबाहु संज्ञा पुं॰ [सं॰ ] एअक प्रकार के तपस्वी जो अपने एक बाहु के ऊपर की ओर उठाए रहते हैं । वह बाहु सूखकर बेकाम हो जाता है ।