ऊर्द्ध्वरेखा संज्ञा श्त्री॰ [सं॰] पुराणानुसार रामकृष्ण आदि विष्णु के अवतारों के ४८ चरण चिहनों में से एक चिहन । विशेष—अँगूठे और अँगूठे के निकटवाली अँगुली के बीच से निकलकर यह रेखा सीधे और लंबे आकार में एँडी के मध्य भाग तक गई हुई मानी जाती है ।