ऊहापोह
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ऊहापोह संज्ञा पुं॰ [सं॰ ऊह + अपोह] तर्क वितर्क । सोचविचार । जैसे,—इस कार्य की साधन सामग्री मेरे पास है या नहीं, अशक्त पुरूष असी ऊहापोह में कार्य का समय व्यतीत करक े चुपवाप बैठ रहता है । उ॰—क्या बाहर की ठेलापेली ही कुछ कम थी, जो भीतर भी भाषों का ऊहापोह मचा ।—मिलन॰ पृ॰ १९० । विशेष—यह बुद्धि का गुण कहा गया है जिसमें किसी विचार को ग्रहण किया जाता है ।