ऋत्विज्
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ऋत्विज् संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ आर्त्विजी] यज्ञ करनेवाला । वह जिसका यज्ञ में वरण किया जाय । विशेष—ऋत्विजों की संख्या १६ होती है जिसमें चार मुख्य हैं—(क) होता (ऋग्वेद के अनुसार कर्म करानेवाला) । (ख) अध्वर्यु (यजुर्वेद के अनुसार कर्म करानेवाला) । (ग) उद्गाता (सामवेद के अनुसार कर्म करानेवाला) । (घ) ब्रह्मा (चार वेदों का जाननेवाला और पूरे कर्म का निरीक्षण करनेवाला । इनके अतिरिक्त बारह और ऋत्विजों के नाम ये हैं— मैत्रावरुण, प्रतिप्रस्थाता, ब्राह्मणच्छंसी, प्रस्तोता, अच्छावाक्, नेष्टा, आग्नीध्र, प्रतिहर्त्ता, ग्रवस्तुत्, उन्नेता, पोता और सुब्रह्मण्य ।