एकछत्र
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]एकछत्र ^१ वि॰ [सं॰ एकच्छत्र] बिना और किसी के अधिपत्य का (राज्य) । जिलमें कहीं और किसी का राज्य या अधिकार न हो । पूर्ण प्रभुत्वयुक्त । अनन्यशासनयुक्त । निष्कंटक । उ॰— जरा मरन दुख रहित तनु समर जितै जिनि कोउ । एकछत्र रिपुहीन महि राज कलपसत होउ ।—मानस, १ ।१६४ ।
एकछत्र ^२ पु क्रि॰ वि॰ एकाधिपत्य के साथ । पूर्ण प्रभुत्व के साथ । उ॰—बैठ सिंहासन गरभहिं गूजा । एकछत्र चारऊ खँड भूजा । जायसी (शब्द॰) ।
एकछत्र ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰] शासन या राज्यप्रणाली का वह भेद जिसमें किसी देश के शासन का सारा अधिकार अकेले एक पुरुष को प्राप्त होता है और वह जो चाहे सो कर सकता है ।