एकाई

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

एकाई संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ एक +आई(प्रत्य॰)]

१. एक का भाव । एक का मान । इकाई । लघुतम घटक अंग ।

२. वह मात्रा जिसके गुणन या विभाग से और दूसरी मात्राओं का मान ठहराया जाता है । जैसे—किसी लंबी दीवार को मापने के लिये कोई लंबाई ले ली और उसका नाम गज फुट इत्यादि रख लिया । फिर उस लंबाई को एक मानकर जितनी गुनी दीवार होगी उतने ही गज या फुट लंबी वह कही जायगी ।

३. अंकों की गिनती में पहले अंक का स्थान ।

४. उस स्थान पर लिखा हुआ अंक । विशेष—अंकों के स्थान की गिनती दाहिनी ओर से चलती है, जैसे—हजार, सैकड़, दहाई, एकाई । एक स्थान पर केवल ९ तक की संख्या लिखी जा सकती है । संख्या के अभाव में शून्य रखा जाता है; जैसे '१०' । इसका अभिप्राय यह है कि इस संख्या में केवल एक दहाई (अर्थात् दस) है और एकाई के स्थान पर कुछ नहीं है । इसी प्रकार १०५ लिखने से यह अभिप्राय है कि इस संख्या में एक सैकड़ा, शून्य दहाई और पाँच एकाई है ।