एकेन्द्रिय

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

एकेंद्रिय संज्ञा पुं॰ [सं॰ एकेन्द्रिय]

१. सांख्य शास्त्र के अनुसार उचित और अनुचित दोनों प्रकार के विषयों से इंद्रियों को हटाकर उन्हें अपने मन में लीन करना ।

२. जैन मतानुसार वह जीव जिसके केवल एक ही इंद्रिय अर्थात् त्वाचामात्र होती है; जैसे जोंक, केचुआ आदि ।