ऐंड़
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
ऐंड़ ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ ऐंठ]
१. ऐंठ । ठसक । गर्व । उ॰—रँगी सुरत रँग पिय हियैं लगी जगी सब राति । पैड़ पैंड़ पर ठठुकि कै ऐंड भरी ऐँडाति ।—बिहारी र॰, दो॰, १८३ ।
२. पानी का भवँर ।
ऐंड़ ^२ वि॰ निकम्मा । नष्ट । यौ॰—ऐंड़होजाना=निकम्मा हो जाना । नष्टभ्रष्ट हो जाना । टूट फूट जाना । गया बीता होना ।