ऐजन अव्य॰ [अ॰ अयजन्] तथा । तदेव । वही । विशेष—सारिणी या चक्र में जब एक ही वस्तु को कई बार लिखना रहता है तब केबल ऊपर एक बार उसका नाम लिखकर नीचे बराबर ऐजन, ऐजन लिखते जाते हैं । साधारण लिखा- पढ़ी में ऐसे स्थल पर" का व्यवहार किया जात है ।