ऐतिह्य
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ऐतिह्य संज्ञा पुं॰ [सं॰] प्रत्यक्ष, अनुमान आदि चार प्रमाणों के अतिरिक्त, अर्थपत्ति और संभव आदि जो चार प्रमाण माने गए हैं उनमें से एक । परंपरासिद्ध प्रमाण । इस बात का प्रमाण कि लोक में बराबर बहुत दिनों से ऐसा सुनते आए हैं । विशेष—यह शब्दप्रमाण के अंतर्गत ही आ जाता है । न्याय में ऐतिह्य आदि को चार प्रमाणों से अल ग नहीं माना है, उनके अंतर्गत ही माना है ।