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ऐद्रजालिक

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ऐद्रजालिक कर्म संज्ञा पुं॰ [सं॰ ऐन्द्रजालिक कर्म] जादू के काम । माया के काम । ऐसे काम जिनसे लोग धोखा खाए । विशेष—कौटिलीय अर्थशास्त्र के औपनिषदिक खंड के दूसरे प्रकरण में इस प्रकार के अनेक उपाय बताए हैं, जिनसे मनुष्य कुरूप हो जाता था, बाल सफेद हो जाते थे, वह कोढ़ी की तरह या काला हो जाता था, आग में जलता नहीं था, अंतर्द्धान हो सकता था ओर इसकी छाया नहीं पड़ती थी ।