ऐयार
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ऐयार संज्ञा पुं॰ [अ॰] [स्त्री॰ ऐयारा]
१. चालाक । धूर्त । उस्ताद । धोखेबाज । छली । उ॰—(क) ऐयार नजर मक्कार अदा त्योरी की चढा़वत वैसी ही ।—कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ ३२७ ।(ख) उसे ऐयार पाया यार समझे जौक हम जिसकी । —शेर॰ पृ॰ ४१३ ।
२. वह व्यक्ति जो चालाकी से अनोखे काम करता हो । बहुगुण युक्त गुप्तचर या कार्यकर ।