ओग पु संज्ञा पुं॰ [सं॰उद्+ √ग्रह हिं॰ उगहना] उगहनी । कर । चंदा । महसूल । उ॰—काहे को हमसों हरि लागत । पैंड़ों देहु बहुत अब कीनो सुनत हँसैंगे लोग । सूर हमैं मारग जनि रोकहु घर तें लीजै ओग ।—सूर (शब्द॰) ।