ओछाड़ † वि॰ [प्रा॰ ओच्छाय=आच्छादन करना] रक्षा करनेवाला । रक्षक । पालक । उ॰—सगत सुखी कर सेवगां, अखिल जगत ओछाड़ । —बाँकी ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ ४८ ।