ओड़व

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ओड़व संज्ञा पुं॰ [सं॰] राग का एक भेद जिसमें 'सा ग म ध नि' ये पाँच स्वर आते हैं । इसमें ऋषम और पंचम वर्जित हैं । मलार आदि राग इसके अंतर्गत हैं । यौ॰—ओडव षाडव=संगीत में ओड़व का एक भेद । इसके आरोह में पाँच स्वर और अवरोह में छह स्वर प्रयुक्त किए जाते हैं । ओंडव संपूण=यह भी ओडव का एक भेद है । जिसके आरोह में पाँच स्वर और अवरोह में संपूर्ण अर्थात् सात स्वरों का प्रयोग किया जाता है ।