ओढ़ाना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ओढ़ाना क्रि॰ स॰ [हिं॰ ओढ़ना] ढाँकना । कपड़े से आच्छादित करना । उ॰—(क) कामरी ओढ़ाय कोई साँवरों कुँवर मोंहिं बाँह गहि लायो छाँह बाँह की पुलिन ते ।—देव (शब्द॰) । (ख) नीरा चौंककर उठी और एक फटा सा कंबल उस बुड्ढे को ओढाने लगी ।—आँधी, पृ॰ १०७ ।