ओलती संज्ञा स्त्री॰ [देशज] १. ढलुवाँ छप्पर का वह भाग जहाँ से वर्षा का पानी नीचे गिरता है । उ॰—नित सावन डीठि सुबैठक में टपकैं बरुनी तिहि ओलतियाँ ।—घनानंद, पृ॰ ८८ । मुहा॰—ओलती तले का भूत=घर का भेदिया । निकटवर्ती व्याक्ति जो घर का सारा भेद जानता हो ।