ओवड़ना पु † क्रि॰ अ॰ [देशी] दे॰ 'उमड़ना' उ॰—आवरत मेघ सम ओवड़े घड़ी पंच बग्गी खड़ग ।—रा॰ रू॰, पृ॰ २५० ।