ओहना † क्रि॰ स॰ [सं॰ अवधारण] १. डंठलों आदि को ऊपर उठाकर हिलाते हुए उनके दानों का ढेर लगाने के लिये नीचे गिराना । खरही करना । २. तितर बितर करना ।