औघड़
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]औघड़ संज्ञा पुं॰ [सं॰ अघोर = भयानक; शिव] [स्त्री॰ औघड़िन]
१. अघोर मत का पुरुष । अघोरी ।
२. काम में सोचविचार न करनेवाला मनमौजी ।
३. बुरा शकुन । अपशकुन (ठगों की बोली) ।
४. अविवेकी । विवेकरहित व्यक्ति । यो॰—औघड़पंथ = दे॰ 'अघोर पंथ' । औघड़पंथी = दे॰ अघोर- पंथी । औघड़मार्ग = दे॰ 'अघोरमार्ग' ।
औघड़ ^२ वि॰ [सं॰ अब+घट्ट] अंडबंड । उलटा पलटा । अटपट ।