औछार

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

औछार संज्ञा पुं॰ [देश॰] ओहार । झूल । हाथी आदि की पीठ पर डाला जानेवाला आवरण या पट जो नीचे तक झूलता रहता है । उ॰—जरकम जराव औछार मंडि, सुरराज द्विपन सोभात षंडि ।—पृ॰ रा॰, १८ ।८३ ।