औटना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

औटना ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ आवर्त्तन, प्रा॰ आउट्टन, आवट्टन]

१. दूध या किसी और पतली चीज को आँच पर चढ़ाकर धीरे धीरे चलाना और गाढ़ा करना । उ॰—औट्चौ दूध कपूर मिलयो प्यावत कनक कटोरे । पीवत देखि रोहिणी यशुमति डारत है तृन तोरे—सूर (शब्द॰) ।

२. पानी, दूध या और किसी पतली चीज को आँच पर गरम करना । खौलाना । विशेष—इस शब्द का प्रयोग केवल तरल पदार्थों के लिये होता है ।

३. पु व्यर्थ घूमना । इधर उधर हैरान होना ।

औटना ^२ क्रि॰ अ॰

१. किसी तरल वस्तु का आँच या गरमी खाकर गाढ़ा होना ।

२. खौलना ।