औढरदानी ^१ वि॰ [हिं॰ औढर+दानी] बहुत अधिक देनेवाला ।
औढरदानी ^२ पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ औढर+दानी] शिव । शंकर । जो तरंग में आकर विना बिचारे सेवकों की कामना पूर्ण करते हैं । उ॰—औढरदानि द्रवत पुनि थोरे । सकत न देखि दीन कर जोरे ।—तुलसी (शब्द॰) ।