कँठहरिया पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कंठहार का अल्पा॰ रूप] कठी । उ॰— सूर सगुन बाटि गोकुल में अव निर्गुन को ओसरो । तारी छार छार कँठहरिया जो ब्रज जातो दूसरो । — सूर (शब्द॰) ।