कंकाली

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कंकाली ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कङ्काल+हिं॰ ई (प्रत्य॰)] [स्त्री॰ कंकालिन] एक पिछड़ी जाति जो गाँव गाँव किंगरी बजाकर भीख माँगती फिरती है । उ॰—यश कारण हरिचंद नीच घर नारि समर्प्यो । यश कारण जगदेव सीस कंकलिहि अर्प्यों ।— बैताल (शब्द॰) ।

कंकाली ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कङ्कालिनी] दुर्गा का एक रूप । उ॰— कर गहि कपाल पीवै रुधिर कंकाली कौतुक करै ।— हम्मीर॰, पृ॰ ५८ ।

कंकाली ^३ वि॰ कर्कशा । लड़ाकी ।