सामग्री पर जाएँ

कंगण

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

कंगण संज्ञा पुं॰ [सं॰ कङ्कण]

१. लोहे का एक चक्र जिसे अकाली सिक्ख सिर में बाँधते हैं ।

२. दे॰ 'कंकण' ।