कंचुकी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कंचुकी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कञ्चुकी]
१. अँगिया । चोली । उ॰— कबहिं गुपाल कंचुकी फारी कब भए ऐसे जोग ।—सूर॰, १० । ७७४ ।
२. केंचुल । उ॰—सुंदर षाली कंचुकी नीकसि भागौ साँप ।—सुंदर ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ७१० ।
कंचुकी ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कञ्चुकिन्]
१. रनिवास के दास दासियों का अध्यक्ष । अंतःपुररक्षक । विशेष—कंचुकी प्रायः बड़े बूढ़े और अनुभवी ब्राह्मण हुआ करते थे जिनपर राजा का पूरा विश्वास रहता था ।
२. द्वारपाल । नकीब ।
३. साँप ।
४. छिलकेवाला अन्न, जैसे,— धान, जौ चना इत्यादि ।
५. व्यभिचारी । लंपट (को॰) ।