कंज
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कंज संज्ञा पुं॰ [सं॰ कञ्ज]
१. ब्रह्मा ।
२. कमल । यौ॰—कंजज = ब्रह्मा । उ॰—कंजज की मति सी बड़भागी । श्री रहि मंदिर सों अनुरागी ।—केशव (शब्द॰) ।
३. चरण की एक रेखा जिसे कमल या पद्म कहते हैं । यह विष्णु के चरण में मानी गई है ।
४. अमृत ।
५. सिर के बाला केश ।
कंज अवलि संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कञ्ज+आवलि] दे॰ 'कंजावलि' ।