कंठशोभा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कंठशोभा संज्ञा पुं॰ [सं॰ कंण्ठ + शोभा] एक छंद जिसके प्रत्येक चरण में ११ अक्षर होते हैं और लघु अक्षरों की स्थानसमता बनी रहती है । जैसे,— फिर हय बख्खर से । मेने फिर इंदुज पंख कसे । पृ॰ रा॰, ९ ।३२ ।