कंठीर पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ कण्ठीख] दे॰ 'कंठीरव' । उ॰—सीत मेह मारुत तप सहणों शकस बतो कंठीर रहैं ।—रघु रू॰, पृ॰ १०२ ।