कंपू
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
कंपू संज्ञा पुं॰ [अं॰ कैंप]
१. वह स्यान जहाँ फौज रहती हो । छावनी । उ॰—कंपू बन बाग के कदंब कपतान खड़े ।— पद्माकर ग्रं॰, पृ॰ ३२० ।
२. वह स्थान जहाँ लड़ाई के समय फौज ठहरती है । पड़ाव । जनस्थान ।
३. डेरा । खेमा ।
४. फौज । सेना । दे॰ 'कंपनी' । मुहा॰—कंपूका बिगड़ा हुआ = (१) लुच्चा या गुंडा । (लश॰) । (४) बागी ।