कचकोल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कचकोल संज्ञा पुं॰ [फा॰ कजकोल]

१. दरियाई नारियाई नारियल का भिक्षापात्र जिसे फकीर लिये रहते हैं । उ॰— सो कचकोल साबित तवक्कुल किया । — दक्खिनी॰, पृ॰ १४६ ।

२. कपाल । कासा ।