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कचुमर

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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कचुमर ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ कुचलना ]

१. कुचलकर बनाया हुआ अचार । कुचला ।

२. कुचली हुई वस्तु । भर्ता । भूर्ता । मुहा॰— कचूमर कर या निकालना = (१) खूब कूटना । चूर चूर करना । कुचलना ।

२. असावधानी या अत्यंत प्रधिक व्यवहार के कारण किसी वस्तु को नष्ट करना । बिगाड़ना । नष्ट करना । —जैसे, तुम्हारे हाथ में चीज पड़ती है, उसी का कचूमर निकाल ड़ालते हो ।

३. मारते मारते बेदम कर देना । खूब पीटना । भुरकुस निकालना ।