कछार
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
कछार संज्ञा पुं॰ [सं॰ कच्छ+ हिं॰आर (प्रत्य॰)]
१. समुद्र या नदी के किनारे की भूमि जो तर या नीची होती है । नदियों की मिट्टी से पटकर निकली हुई जमीन जो बहुत हरी भरी रहती है । खादर । दियारा । उ॰—एरे दगाबाज मेरे पातक अपार तोहि गंगा के कछार में पछारि छार करिहौं ।—पद्माकर (शब्द॰) ।
२. आसान प्रांत का एक भाग ।