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कटना

विक्षनरी से

क्रिया

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

कटना क्रि॰ अ॰ [सं॰ कर्त्तन, प्रा॰ कट्टन]

१. किसी धारदार चीज की दाब से दो टुकड़े होना । शस्त्र आदि की धार के धँसने से किसी वस्तु के दो खंड होना । जैसे,—पेड़ कटना, सिर कटना । मुहा॰—कटती कहना = लगती हुई बात कहना । मर्मभेदी बात कहना ।

२. पिसना । महीन चूर होना । जैसे,—भाँग कटना, मसाला कटना ।

३. किसी धारदार चीज का धँसना । शस्त्र आदि की धार का घुसना । जैसे, —उसका ओठ कट गया है ।

४. किसी वस्तु का कोई अंश निकल जाना । किसी भाग का अलग हो जाना । जैसे, —(क) बाढ़ के समय नदी का बहुत सा किनारा कट गया । (ख) उनकी तनख्वाह से २५) कट गए ।

५. युद्ध में घाव खाकर मरना । लड़ाई में मरना । जैसे, — उस लड़ाई में लाखों सिपाही कट गए । संयो॰ क्रि॰—जाना ।—मरना ।

६. कतरा जाना । ब्योंता जाना । जैसे,—मेरा कपड़ा कटा न हो तो वापस दो ।

७. छीजना । छँटना । नष्ट होना । दूर होना । जैसे,—पाप कटना, ललाई कटना, मैल कटना, रंग कटना ।

६. समय का बीतना । वक्त गुजरना । जैसे, —रात कटना, दिन कटना, जिंदगी कटना । जैसे, —किसी प्रकार रात तो कटी ।

९. खतम होना । जैसे, —बातचीत करते चलेंगे, रास्ता कट जायगा ।

१०. धोखा देकर साथ छोड़ देना । चुपके से अलग हो जाना । खिसक जाना । जैसे—थोड़ी दूर तक तो उसने मेरा साथ दिया, पीछे कट गया । उ॰—लोभ मोह दोऊ कट भागे सुन सुन नाम अजीत ।—कबीर श॰ पृ॰, ८४ । क्रि॰ प्र॰—जाना ।—रहना ।

११. शरमाना । लज्जित होना । झेंपना । जैसे, —मेरी बात पर वे ऐसे कटे कि फिर न बोले । उ॰—मैं तो कट गई । मेरा दिल ही जानता है कि किस कदर रंज हुआ ।— फिसाना॰ पृ॰, ३५८ ।

१२. जलना । डाह से दुःखी होना । ईर्ष्या से पीड़ित होना । जैसे— उसको रुपया पाते देख ये लोग मन ही मन कट गए ।

१३. मोहित होना । आसक्त होना । जैसे—वे उसकी चितवन से कट गए । उ॰—पूछो क्यों रूखी परति सगबग रही सनेह । मनमोहन छवि पर कटी कहै कटयानी देह ।—बिहारी (शब्द॰) ।

१४. व्यर्थ व्यय होना । फजूल निकल जाना । जैसे—तुम्हारे कारण हमारे १०) यों ही कट गए ।

१५. बिकना । खपना ।

१६. प्राप्त होना । आय होना । जैसे—आजकल खूब माल कट रहा है ।

१७. कलम की लकीर से किसी लिखावट का रद होना । मिटना । खारिज होना । जैसे—उसका नाम स्कूल से कट गया है ।

१८. ऐसे कामों में तैयार होना जो बहुत दूर तक़ लकीर के रूप में चले गए हों । जैसे— नहर कटना ।

१९. ऐसी चीजों का तैयार होना जिसमें लकीर के द्वारा कई विभाग हुए हों । जैसे—क्यारी काटना ।

२०. बाँटनेवाले के हाथ पर रखी हुई ताश की गड्डी में से कुछ पत्तों को इसलिये उठाया जाना जिसमें हाथ में बची हड़्डी के अंतिम पत्ते से बाँट आरंभ हो ।

२१. ताश की गड्डी का पहले या इस प्रकार फेंटा जाना कि उसका पहले से लगा हुआ क्रम न बिगड़े ।—(जादू) ।

२२. एक संख्या के साथ दूसरी संख्या का ऐसा भाग लगना कि शेष न बचे । जैसे—यह संख्या सात से कट जाती है ।

२३. चलती गाड़ी में से माल चोरी होना या लुटना । जैसे—कल रात को उस सुनसान रास्ते में कई गाड़ियाँ कट गई ।

२४. श्रम करना । उ॰—तुम दिन भर कम घिसते हो क्या कि और कटने की सोचते हो ।— सुखदा॰, पृ॰ ७७ ।