कटाक्ष

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कटाक्ष संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. तिरछी चितवन । तिरछी नजर । उ॰— कोए न लाँघि कटाक्ष सकै, मुसक्यानि न ह्वै सकै ओठनि बाहिर ।

२. व्यंग्य । आक्षेप । ताना । तंज । जैसे, —इस लेख में कई लोगों पर अनुचित कटाक्ष किए गए हैं । क्रि॰ प्र॰—करना ।

३. (रामलीला) काले रंग की छोटी छोटी पतली रेखाएँ जो आँख की दोनों बाहरी कोरों पर खींची जाती हैं । ऐसे कटाक्ष रामलीला में राम, लक्ष्मण आदि की आँखों के किनारे बनते हैं । हाथियों के श्रृंगार में भी कटाक्ष बनाए जाते हैं ।