कटुक वि॰ [सं॰] १. कडुआ । कटू । २. जो चित्त को न भावे । जो बुरा लगे । उ॰—अरी मधुर अधरान ते कटुक बचन जनि बोल । तनक खटाई ते घटै लखि सुबरन को मोल ।— रसनिधि (शब्द॰) ।