सामग्री पर जाएँ

कठ

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

कठ ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. एक ऋषि ।

२. एक यजुर्वेदीय उपनिषद् जिसमें यम और नचिकेता के संवाद है ।

३. कृष्ण यजुर्वेद की एक शाखा ।

४. कठ का अनुगामी और शिष्य वर्ग (को॰) ।

कठ ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ काष्ठ हिं॰ काठ का समस्त रूप]

१. काठ । लकड़ी । जैसे, कठपुतली, कठकीली (केवल समस्त पदों में) ।

२. एक पुराना बाजा जो कांठ का बनता था औऱ चमड़े से मढ़ा जाता था ।

३. (केवल समस्त पदों फल आदि के लिये) जंगली । निकृष्ट जाति का । जैसे, कठकेला, कठजामुन, कठमूर ।